Sunday, September 20, 2015

How to save mobile data in smart phone


આ નાનકડી ભૂલોના કારણે સ્માર્ટફોનમાં ઈન્ટરનેટ ડેટા વધુ વપરાય છે

સ્માર્ટફોનના યુગમાં ઈન્ટરનેટ એ જરૂરી બની ગયું છે. આવા સમયે એવું પણ બનતું હોય છે કે આપણી નાનકડી ભૂલોના કારણે ઈન્ટરનેટના ડેટાનો ઉપયોગ વધી જાય છે અને આપણી તેની વધુ કિંમત ચૂકવવી પડે છે. અજાણતા થઈ જતી આવી ભૂલો પર આપણે નજર ફેરવીએ. આ ભૂલો પર  ધ્યાન આપીએ તો ઈન્ટરનેટ ડેટાના વપરાશ પર કાપ રાખી શકીએ અને ખર્ચ ઉપર પણ કાબુ મેળવી શકીએ.

એપ્સ ઓટો અપડેટ

સ્માર્ટફોનમાં યૂઝર્સ પોતાની જરૃરિયાત મુજબ અનેક એપ્લિકેશન ઇન્સ્ટોલ કરે છે, આમાંથી કેટલીક એપ્સ અપડેટ થતી રહે છે, આ અપડેશન ઓટોમેટિક પણ હોય છે, એટલે કે તમને ખ્યાલ ન હોય ને તમારી એપ્લિકેશન અપટેડ થઇ જાય છે, આ એવી એપ્સ હોય છે જે તમે ઇન્ટોલ કર્યા બાદ ઉપયોગ પણ નહીં કરતા હો. આ સ્થિતિમાં એ થઇ શકે કે ગૂગલ પ્લે સ્ટોરમાં જઇને ઓટો અપડેટને બંધ કરી દો અને બિનજરૃરી એપ ડિલીટ કરો.

ડેટાની જાણકારી નહીં

એક અન્ય મોટી ભૂલ લોકો એ કરે છે કે, તેઓ જ્યારે ઇન્ટરનેટનો ઉપયોગ કરે છે ત્યારે એ માહિતી નથી હોતી કે તેના ટેડા કેટલા એમબી બચ્યા છે. આવી પરિસ્થિતિમાં યૂઝર્સ ટેડાની લિમિટ સેટ કરી શકાય, જેમ કે, જો તમે દિવસ દરમિયાન માત્ર ૫૦ એમબીનો જ ઉપયોગ કરવા માટે ડેટા સેટ કરશો તો એટલા જ વપરાશે, જેથી તમારી સરેરાશ ઇન્ટરનેટ ડેટા વાપરવાની મર્યાદા જળવાઇ રહેશે અને ટેડા પૂરા થાય તેની જાણ થશે જેથી તમારું બેલેન્સ કપાશે નહીં.

બિનજરૂરી નોટિફિકેશન

સ્માર્ટફોન પર યૂઝર્સ હંમેશાં એપ્સને ઓપન કરીને છોડી દે છે, સામાન્ય રીતે એપ્લિકેશનને મિનિમાઇઝ કરી દેવામાં આવે છે તે સમયે પણ તે ચાલુ તો રહે જ છે, જેમ કે, આ એપ્લિકેશનમાં કોઇને કોઇ નોટિફિકેશન આવતાં રહે છે, આ સમયે ઇન્ટરનેટના ટેડા કપાતા રહે છે, તો વળી કેટલાક એપ્લિકેશન એવા હોય છે કે જે બેકગ્રાઉન્ડમાં જ શરૃ રહે છે અને તેમને ખ્યાલ પણ નથી હોતો એ રીતે ડેટા કપાય છે.

ઇન્ટરનેટ ૨-જી કે ૩-જી

મોટાભાગે લોકો ઇન્ટરનેટનો ઉપયોગ કરવામાં બે વિકલ્પોને પસંદ કરે છે, જેમ કે ૨-જી અને ૩-જી,  હવે જ્યારે તમારો મોબાઇલ આ બંનેને સપોર્ટ કરે તેવો હોય તો પહેલાં એ નક્કી કરો કે તમારા મોબાઇલમાં ૩-જી એપ કેટલી છે, એટલે એ પ્રમાણે જ ૩-જીનો ઉપયોગ કરો. ૩-જીનો ઉપયોગ સામાન્ય રીતે વીડિયો માટે વધુ કરવો જોઇએ બાકી એપ્સ ૨-જી પર સારી ચાલે છે તેમ નિષ્ણાતોનો મત છે.

Saturday, September 19, 2015

7 – Easy Ways To Boost Your Confidence in Hindi

7 – Easy Ways To Boost Your Confidence in Hindi

 

 1 – Believe  in  yourself  ( अपने  आप  पर  यकीन  रखो )

हममें से प्रत्येक के भीतर एक विराट शक्ति है, जो हमारे जीवन का कायाकल्प कर सकती है । सिर्फ जरूरत है खुद पे यकीन, कही लोग ऐसे भी है जिन्हें अपने क्षमता पे भरोसा नहीं होता है वे लोग न तो कभी आत्मविश्वासी हो सकते है और न ही सफल । अपने आप पर यकीन जब तक आप नहीं करोगे, तब तक आप व्यक्तित्व विकास और आत्मविश्वास नहीं पा सकते । तो पहला यह काम करना है की खुद को किसी से कम या दुर्बल नहीं लेकिन विराट शक्तिशाली और विश्वमानव मानना है, और सहीं अर्थ में हम यह है भी । जब आप यह मानने लगेंगे तो आपके आत्मविश्वास में बहुत ज़बरदस्त इज़ाफा होगा और आप सभी चुनौतियों का सामना करने के काबिल हो चुके होगें ।

 2 – Positive  Body  Language ( सकारात्मक  व्यक्तित्व )

Dress Up ( अच्छे कपडें पहनना )
Positive Body Language के लिये आपके कपडें बहुत ही महत्वपूर्ण है साफ़ सुथरे और comfort ( आरामदायक ) कपडें पहनने से आप में ग़जब का आत्मविश्वास जागेंगा । इस लिये हमेशा अच्छे साफ़ सुथरे कपडें पहनने का आग्रह रखें ।

Eye contact ( आँख से संपर्क )
किसी के साथ बात करो तो उसकीं आंखों मे आँखें दाल कर बात करे जिससे आपका आंतरिक डर कम होगा और ऐसे करने से आपके आत्मविश्वास मे बढावा होगा और आप बेहतर communication कर सकते है ।

speak softly and sweetly ( धीरे और मधुरता से बात करे )
जब आप बोल रहे हो तो कुछ बातों का ज़रूर खयाल रखें जैसे धीरे बोलना, साफ़ बोलना, हिम्मत से बोलना, मधुर बोलना और अपना संदेश साफ़ साफ़ देना ।

  3 – Think  positive ( सकारात्मक  सोचों )

सकारात्मक सोच यह एक ऐसी चाबी है जो जीवन के सभी मुश्किल तालो को खोल देतीं है । अगर हम इसे मास्टर चाबी कहे तो भी ठीक है, positive approach ( सकारात्मक दृष्टिकोण ) सिर्फ Confidence ही नहीं बढ़ता यह हमारी personality development ( व्यक्तित्व विकास ) में भी बहुत फ़ायदेमंद है, हमें विश्व मानव बनाता है और हमें सफलता के करीब ले जाता है मतलब की एक तीर से दो शिकार वाला हथियार है positive thinking.

 4 – Keep  Smile  Always ( हमेशा  मुस्कुराते  रहे )

सभी रोगों की एक ही है दवाई हंसना सिख लो मेरे भाई । मुस्कराहट एक बेहतरीन “god gift” ( भगवान का उपहार ) है मुस्कराहट आपको युवा बनाती है जब आप मुस्कुराते हो तब तनाव, नकारात्मकता, थकान सब ग़ायब हो जाते है और आप बहुत ही तरोताजा, सकारात्मक और आत्मविश्वासी हो जाते हो ।
मुस्कराहट मनुष्य का ultimate power ( परम शक्ति ) है ।

5 – Tack  Action ( कार्य  करे )

“काम करो, काम करो, काम करो”  यह आत्मविश्वास का मूल मंत्र है । आप चाहे कोई भी हो चाहे व्यापारी हो चाहे सेल्स मैनेजर हो या लेखक हो आपका आत्मविश्वास आपके काम से ही आएगा । आपकी inspirational आपका काम है, उदाहरण के तौर पे एक सेल्स मैन है जब वो काम प्रारंभ करता है तो उसका आत्मविश्वास बहुत ही कम होता है लेकिन जैसे वो काम करते जाता है – करते जाता है उसकी चीजों की बिक्री बढ़े जाति है वैसे ही उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता जाता है । मतलब की आप एक जगह पे बैठ के यह सोचते रहेंगे की कैसे आत्मविश्वास बढ़ेगा तो यह मुश्किल है आप अपना काम चालू रखें आप जैसे जैसे आगे बढ़ेगे वैसे – वैसे आपका आत्मविश्वास भी एक नई ऊँचाई छू चुका होगा ।

 6 – Remember  Your  Past  Achievements  ( अपने  अतीत  की  उपलब्धियों  को  याद  करे )

कहीं बार आप निराशा के चंगुल मे फँस जाते हो ऐसे समय आपका आत्मविश्वास बहुत हद तक कम हो जाता है, इस मुसीबत को पार पाने और अपना आत्मविश्वास वापिस हासिल करने के लिए आपको अपने भूतकाल की सफलता को याद करना चाहिये और यह सोचना चाहिये की उस समय भी परिस्थितियां बहुत विकट थी फिर भी हिम्मत और हौसले के साथ सामना किया था और में सफल हुवा था । में तब कर सकता हुं तो अब भी कर सकता हुं और आप यह भी सोच सकते है की में यह मुश्किल पार कर लूँगा और सफलता हासिल कर लूँगा तो इस निराशा से कहीं बेहतर मिलेगा । आप देखेंगे की आपका आत्मविश्वास लौट आया है और आप निराशा की जंजीरों को भी तोड़ चुके हैं ।

 7 – helpfull  Habits  for  boosting  self  Confidence ( आत्मविश्वास  बढ़ाने  के  लिए  मददगार  आदतें )

Meditation ( ध्यान )
ध्यान के वैसे बहुत ही लाभ है उस पर हम आगे एक लेख लिखेंगे । लेकिन अभी यहां पे मैं आपको विनम्रता से आग्रह करूँगा की आपको आत्मविश्वास बढ़ाना हो या आपका जीवन बेहतर बनाना हो तो, आप हररोज 10 मिनट ध्यान ज़रुर करे । इस से आपकी भीतर छुपी विराट शक्तियों को आप जगा सकते है । meditation ( ध्यान ) यह ज़रिया है जिससे आप आत्मविश्वास , शांति , खुशी और सफलता पा सकते स्वामी विवेकानंदसे लेकर नरेन्द्र मोदी जी के सफलता का रहस्य है Meditation । ध्यान कैसे करे, ध्यान किस समय करे और ध्यान से क्या-क्या फायदे है उसके लिए में आगें ध्यान के बारे में विस्तार से Article लिखूंगा जो आपके बहुत ही लाभदायक होगा ।

Exercise – Yoga ( व्यायाम – योग )
सबसे ज्यादा आत्मविश्वास गिरने की वजह है unfit body, अयोग्य शरीर आपके लिए व्यक्तित्व विकास में रोड़ा है उसे हमारी राह से दूर करना अतिआवश्यक है, इस के लिए आप नियमित तौर पे व्यायाम और योगाभ्यास करने से स्वास्थ्य में तो लाभ होता ही है उसके अलावा Self Esteem ( आत्म सम्मान ) और Self Confidence ( आत्मविश्वास ) में भी बहुत लाभ होगा ।

Learn something everyday ( रोज़ कुछ सीखें )
“जब तक जीना तब तक सीखना” यह सर्वाधिक फ़ायदेमंद है । आत्मविश्वास के लिए आप रोज़ कुछ नया सीखेंगे तो आप कल से आज कुछ ज्यादा बेहतर बन रहे हो और यकीनन बीते हुये कल से आज आपका आत्मविश्वास बेहतर होगा इस लिए रोज़ कुछ सीखें और आत्मविश्वास के साथ अपने जीवन को एक नई ऊँचाई पे ले जाइए ।

गौतम बुद्ध ने कहा है चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ ले या बोल ले, वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते? सहीं में अगर हम सिर्फ अच्छे article या अच्छी किताबें चाहे कितनी ही क्यों न पढ़ ले लेकिन उसका सही फायदा तो तभी होगा जब आप उसपर अमल करो, अपने जीवन में अपनाओगे फिर बदलाव होता है ।

में आशा करता हुं की आप सभी बातों को ध्यान में रखकर अपने जीवन में अमल करेंगे और आपका जीवन सफल खुश हाल और आत्मविश्वास से भरा हो, धन्यवाद।

Wednesday, September 9, 2015

भारत के बारे में 10 ऐसे फैक्ट जिन्हें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जायेगा

भारत के बारे में 10 ऐसे फैक्ट जिन्हें पढ़कर आपका
सीना गर्व से चौड़ा हो जायेगा
.
1. जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों
की पूजा होती थी.
2. जब पश्चिम के लोग कपडे पहनना नहीं जानते
थे. तब भारत रेशम के कपडों का व्यापार करता था.
3. जब कहीं भ्रमण करने का कोई साधन स्कूटर
मोटर साईकल, जहाज वगैरह नहीं थे. तब भारत के
पास बडे बडे वायु विमान हुआ करते थे।(इसका
उदाहरण आज भी अफगानिस्तान में निकला
महाभारत कालीन विमान है. जिसके पास जाते ही
वहाँ के सैनिक गायब हो जाते हैं। जिसे देखकर
आज का विज्ञान भी हैरान है)
4. जब डाक्टर्स नहीं थे. तब सहज में स्वस्थ होने
की बहुत सी औषधियों का ज्ञाता था, भारत देश
सौर ऊर्जा की शक्ति का ज्ञाता था भारत देश।
चरक और धनवंतरी जैसे महान आयुर्वेद के
आचार्य थे भारत देश में.
5. जब लोगों के पास हथियार के नाम पर लकडी के
टुकडे हुआ करते थे. उस समय भारत देश
आग्नेयास्त्र, प्राक्षेपास्त्र, वायव्यअस्त्र बडे
बडे परमाणु हथियारों का ज्ञाता था……
6. हमारे इतिहास पर रिसर्च करके ही अल्बर्ट
आईंसटाईन ने अणु परमाणु पर खोज की है…
7. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके नासा
अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज कर रहा है……
8. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके रशिया
और अमेरीका बडे बडे हथियार बना रहा है..
9. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके रूस,
ब्रिटेन, अमेरीका, थाईलैंड, इंडोनेशिया बडे बडे देश
बचपन से ही बच्चों को संस्कृत सिखा रहे हैं
स्कूलों में…..
10. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके वहाँ के
डाक्टर्स बिना इंजेक्शन, बिना अंग्रेजी दवाईयों के
केवल ओमकार का जप करने से लोगों के हार्ट
अटैक, बीपी, पेट, सिर, गले छाती की बडी बडी
बिमारियाँ ठीक कर रहे हैं। ओमकार थैरपी का नाम
देकर इस नाम से बडे बडे हॉस्पिटल खोल रहे
हैं…… और हम किस दुनिया में जी रहे हैं?? अपने
इतिहास पर गौरव करने की बजाय हम
अपने इतिहास को भूलते जा रहे हैं। हम अपनी
महिमा को भूलते जा रहे हैं। हम अपने संस्कारों को
भूलते जा रहे हैं । अब भी समय है अगर आप अपना
अस्तित्व चाहते है तो अपनी मिटती हुई संस्कृति
को बचाने का बीड़ा उठाइए… और शेयर करना न
भूलें।
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નિર્દોષાનંદ માનવસેવા ટ્રસ્ટ ભાવનગર

ગુજરાતમાં એક પરબ સમાન હોસ્પિટલ ધમધમે છે જ્યાં આવનારા તમામ દર્દીને તમામ પ્રકારની સારવાર તદ્દન વિનામૂલ્યે આપવામાં આવે છે. નાની-મોટી નહીં પણ ગંભીર બીમારીના મોટા મોટા ઓપરેશન પણ કોઈપણ પ્રકારની ફી લીધા વી ના કરવામાં આવે છે.
અમે વાત કરી રહ્યા છીએ સ્વામી નિર્દોષાનંદજી માનવસેવા ટ્રસ્ટ સંચાલિત નિર્દોષાનંદજી માનવસેવા હોસ્પિટલની. આ હોસ્પિટલ ભાવનગર જિલ્લાના ઉમરાળા તાલુકાના ટીંબી ગામે અમદાવાદ-અમરેલી હાઈવેને અડીને આવેલી છે.
નિર્દોષાનંદ હોસ્પિટલમાં દર્દીઓને માત્ર તપાસ, સોનોગ્રાફી, એક્સ-રે, લેબોરેટરી અને તમામ પ્રકારની દવાઓ કોઈપણ ચાર્જ વિના અપાય છે. આ ઉપરાંત દર્દીઓ તેમજ તેમના સગાંઓને ઉત્તમ પ્રકારનું ભોજન તથા રહેવાની ! સગવડ પણ આપવામાં આવે છે. આ તમામ સુવિધાઓ પણ સંપૂર્ણ નિ:શૂલ્ક અપાય છે. ભારતભરમાં આ રીતે સંપૂર્ણ વિનામૂલ્યે સેવા આપતા ચિકિત્સાલયો ભાગ્યે જ જોવા મળે છે.

નિર્દોષાનંદજી માનવસેવા હોસ્પિટલમાં સારણગાંઠ, એપેન્ડિક્સ, થાઈરોઈડ, ગર્ભાશયના ઓપરેશનો, સ્તન કેન્સર, આંતરડાના ઓપરેશન�! � તથા સરકમસિઝન સર્ઝરી વિનામૂલ્યે થાય છે. પ્રોફેશનલ હોસ્પિટલોમાં જે ઓપરેશનો એક લાખ રૂપિયા આપતા પણ ન થાય તેવા ઓપરેશનો અહીં એક પણ રૂપિયો લીધા વિના કરી આપવામાં આવે છે.

અહીં દર મહિને સરેરાશ 75થી 80 જેટલી પ્રસુતી થાય છે. પ્રસુતી બાદ પ્રસુતાને એક કિટ અપાય છે. જેમાં ચોખ્ખુ ઘી-ગોળ અને લોટ તેમજ શરો કે રાબ બનાવવા માટે ગેસ અને વાસણ હોય છે.  આ ઉપરાંત પ્રસુતાને રજા આપતી વેળા શ�! ��દ્ધ ઘીની ઔષધિયુક્ત દોઢ કીલો સુખડીનું બોક્સ આપવામાં આવે છે.

નિર્દોષાનંદ માનવસેવા હોસ્પિટલના પ્રસુતિ વિભાગમાં નોર્મલ ડિલીવરી, સિઝેરીયનનું ઓપરેશન, ગર્ભાશયની કોથળીનું ઓપરેશન, માટી ખસી ગઈ હોય તેનું ઓપરેશન (Pro-Asse Uterus), સ્ત્રી નસબંધીનું ઓપરેશન(T.L.), ગર્ભાશયની ગાંઠ અને અંડપીંડની ગાંઠ સહિતના ઓપરેશનની સુવિધા અને સેવા આપવામાં આવે છે.

જાન્યુઆરી-2011થી ફેબ્રુઆરી-2013 સુધીમાં એટલે કે 26 માસમાં અહીં 1,87,260 દર્દીઓને ઓ.પી.ડી. સારવાર વિનામૂલ્યે આપવામાં આવી છે. કુલ મળ�! ��ને 3345 ઓપરેશનો કરવામાં આવ્યા છે. તેમજ અન્ય વિભાગોમાં પણ 40998 દર્દીઓને સારવાર આપવામાં આવી છે.

આ તમામ સારવાર-સુવિધાઓ ઉપરાંત દર્દીઓને લાવવા-લઈ જવા માટે તદ્દન રાહતદરે એમ્બુલન્સ સેવા પૂરી પાડવામાં આવે છે. તેમજ ઉનાળ�! ��ના સમયમાં હોસ્પિટલની આસપાસના વિસ્તારના લોકોના આરોગ્યના રક્ષણ માટે છાશકેન્દ્ર ચલાવવામાં આવે છે. તો શિયાળામાં ઉકાળાકેન્દ્ર ચલાવાય છે.


આ હોસ્પિટલમાં ઈ.એન.ટી., યુરોલોજીસ્ટ, ફિઝિશિયન, રેડોયોલોજીસ્ટ, ચેસ્ટ ફિઝિશિયન, પેથોલોજીસ્ટ, ઓર્થોપેડિક, પીડીયાટ્રીક, એનેસ્થેટિક, ઓપ્થાલ્મો, આયુર્વેદીક, ઓડિયોમેટ્રી જેવા વિષયના ખ્યાતનામ અને સ્પ�! �શિયાલિસ્ટ ડોક્ટર્સ સેવા આપે છે.

નિર્દોષાનંદ માનવસેવા ટ્રસ્ટ ભાવનગર જિલ્લાના ઉમરાળા તાલુકાના ટીંબી ગામ મા છે કોઇપણને મોકલો જેનાથી કોઇપણની જીન્દગી બચીશકે છે
Contact on following e mail id
nirdosh@yahoo.com

Tuesday, September 8, 2015

विश्व साक्षरता दिवस

✏✒विश्व साक्षरता दिवस 🎒🏃

✏विवरण :- साक्षरता का तात्पर्य सिर्फ़ पढ़ना-लिखना ही नहीं बल्कि यह सम्मान, अवसर और विकास से जुड़ा विषय है। दुनिया में शिक्षा और ज्ञान बेहतर जीवन जीने के लिए ज़रूरी माध्यम है।
✏तिथि:- 8 सितम्बर
✏उद्देश्य :-साक्षरता दिवस का प्रमुख उद्देश्य नव साक्षरों को उत्साहित करना है।
✏अन्य जानकारी:- नालन्दा, विक्रमशिला और तक्षशिला जैसी विश्व प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों की स्थापना ने शिक्षा के प्रचार में अहम भूमिका निभाई। लोगों में व्यावसायिक कौशल विकसित करने के लिए साक्षरता एक बड़ी ज़रूरत है।

😱😟📖🏃साक्षर कैसे बने:-

भारत 100% साक्षर कैसे बने। भारत में सबसे ज़्यादा विश्वविद्यालय है। हमारे देश में हर साल लगभग 33 लाख विद्यार्थी स्नातक होते हैं। उसके बाद बेरोज़गारों की भीड़ में खो जाते हैं। हम हर साल स्नातक होने वाले विद्यार्थियो का सही उपयोग साक्षरता को बढ़ाने में कर सकते हैं। स्नातक के पाठ्यक्रम में एक अतिरिक्त विषय जोड़ा जाए, जो सभी के लिए अनिवार्य हो। इस विषय में सभी छात्रों को एक व्यक्ति को साक्षर बनाने की ज़िम्मेदारी लेनी होगी। शिक्षकों के द्वारा इसका मूल्यांकन किया जाएगा। अन्तिम वर्ष में मूल्यांकन के आधार पर अंकसूची में इसके अंक भी जोड़े जाए। इससे हर साल लगभग 33 लाख लोग साक्षर होंगे। वो भी किसी सरकारी खर्च के बिना।

📖साक्षरता अभियान😟

भारत भी बन सकता है, शत प्रतिशत साक्षर
साक्षरता दिवस का दिन हमें सोचने को मजबूर करता है, कि हम क्यो 100% साक्षर नहीं हैं। यदि केरल को छोड़ दिया जाए तो बाकि राज्यों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। सरकार द्वारा साक्षरता को बढ़ने के लिए सर्व शिक्षा अभियान, मिड दे मील योजना, प्रौढ़ शिक्षा योजना, राजीव गाँधी साक्षरता मिशन आदि न जाने कितने अभियान चलाये गये, मगर सफलता आशा के अनुरूप नहीं मिली। मिड दे मील में जहाँ बच्चो को आकर्षित करने के लिए स्कूलों में भोजन की व्यवस्था की गयी, इससे बच्चे स्कूल तो आते हैं, मगर पढ़ने नहीं खाना खाने आते हैं। शिक्षक लोग पढ़ाई की जगह खाना बनवाने की फिकर में लगे रहते हैं। हमारे देश में सरकारी तौर पर जो व्यक्ति अपना नाम लिखना जानता है, वह साक्षर है। आंकड़े जुटाने के समय जो घोटाला होता है, वो किसी से छुपा नहीं है। अगर सही तरीक़े से साक्षरता के आंकडे जुटाए जाए तो देश में 64.9% लोग शायद साक्षर न हो। सरकारी आंकडो पर विश्वास कर भी लिया जाए तो भारत में 75.3% पुरुष और 53.7% महिलायें ही साक्षर हैं।

Sunday, September 6, 2015

ચાલો જાણીએ સ્વામી વિવેકાનંદ વિશે



ચાલો જાણીએ સ્વામી વિવેકાનંદ વિશે
જન્મ : ૧૨/૦૧/૧૮૬૩ સંવત ૧૯૧૯ પોષવદ સાતમ, સોમવાર, મકરસંક્રાંતિના પવિત્ર પર્વે
જન્મસ્થળ : કોલકાતાના સિમુલિયા (સિમલા) પરગણામાં
માતાનું નામ : ભુવનેશ્વરીદેવી
પિતાનું નામ : વિશ્વનાથ દત્ત
પિતાનો વ્યવસાય : વકીલાત
મૂળનામ : નરેન્દ્રનાથ
લાડકું નામ : બિલે
બાળપણમાં નરેન્દ્રના તોફાનો :
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બહેનોને ચીઢવવી
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થાળી વાટકા ફેંકવા
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પ્યાલા રકાબી ફોડી નાખવા
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માતાના ઠપકાને ન ગણકારવો
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ઘરની સામગ્રીને બહાર ફેંકી દેવી
નરેન્દ્રને શાંત કરવાનો ઉપાય : માતા તેના માથા પર ઠંડાપાણીના થોડા ઘડાઓ ઠાલવી દેતાં અને શિવ શિવ બોલ્યે જતાં અને થોડીવારમાં નરેન્દ્ર એકદમ ડાહ્યોડમરો બની જતો.
ગમતી રમતો : દોડવું, કૂદવું, મુક્કાબાજી, લખોટા અને ગેડીદડે રમવું, ઝાડ ઉપર ચઢઊતર કરવી, રાજા રાજાની રમત રમવી અને સૌથી પ્રિય રમત ધ્યાનમાં બેસવું.
સ્વભાવ : નરેન્દ્ર પ્રેમાળ, દયાળું અને ભલો હતો. હરહંમેશ બીજા લોકોને મદદ કરવી તે તેનો સ્વભાવ હતો.
અભ્યાસ : બી.એ. (પ્રેસિડેન્સી કોલેજ અને સ્કોટિશ ચર્ચ કોલેજ)
સંગીતની તાલીમ : ચાર પાંચ વર્ષ સુધી અહમદખાન અને વેણીગુપ્ત નામના પ્રસિદ્ધ સંગીતકારો પાસેથી પદ્ધતિસરની સંગીતની તાલીમ મેળવી હતી.
નોકરી : નિમાઈચરણ બસુ નામના વકીલને ત્યાં મદદનીશ તરીકે, પંડિત ઈશ્વરચંદ્ર વિદ્યાસાગરની શાળામાં શિક્ષક તરીકે
ભારતભ્રમણની વિશેષતા :
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કાશીમાં પંડિતો સાથે શાસ્ત્રાર્થ
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વૃંદાવન જતાં એક ચમારનો હોકો માગીને પીધો
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પંચમના ઘરનું પાણી પીધું
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મોચીના ઘરનું ભોજન માગીને ખાધું
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અલવરમાં મુસલમાન ભકતો મળ્યા તેમના ઘરે ભોજન કર્યું
જાદુઈ અસર : ૧૧ સપ્ટેમ્બર ૧૮૯૩ ના દિવસે હોલ ઓફ કોલંબસ તરીકે ઓળખાતા વિશાળખંડમાં ભારે દબદબાપૂર્વક વિશ્વધર્મસંમેલનનો પ્રારંભ થયો. તેમાં ભાષણ કરવાનો વિવેકાનંદનો વારો આવ્યો. તેઓ સૌપ્રથમ બોલ્યા : અમેરિકાના ભાઈઓ અને બહેનો ! ઉપસ્થિત સૌ લોકોએ પ્રચંડ હર્ષનાદ અને તાળીઓના ગડગડાટથી સ્વામીજીને વધાવી લીધા.
વિદેશીઓને ઘેલું લગાડયું : માર્ગારેટ એલિઝાબેથ નોબલ (ભગિની નિવેદિતા) સ્વામી વિવેકાનંદના પ્રવચનો અને બુદ્ધિ પ્રતિભાથી આકર્ષાઈને તેમનાં શિષ્યા બન્યા.
સ્વામી વિવેકાનંદે લોકોને સંભળાવેલ રામકૃષ્ણ પરમહંસનો સંદેશો : મને મુક્તિ મળે, તેવી વાત કરવી તે પણ સ્વાર્થ છે. ભારતમાં જયાં સુધી એક પણ દુ:ખી દરિદ્ર છે ત્યાં સુધી મારે મુક્તિ ન જોઈએ.
*
 સૂત્ર : જાગો, ઊઠો અને ધ્યેયપ્રાપ્તિ સુધી મંડયા રહો
નિર્વિકલ્પ સમાધિ (મૃત્યુ) : ૦૪/૦૭/૧૯૦૨ રાત્રે ૯.૦૦ વાગ્યે
બાળકોએ અને મોટેરાઓએ યાદ રાખવા જેવો પ્રસંગ :
એકવાર વર્ગમાં શિક્ષક પાઠ ચલાવતા હતા. નરેન્દ્ર અને તેના સાથી વિદ્યાર્થી મિત્રો વાતો કરવામાં મશગૂલ હતા. અચાનક શિક્ષકે ચિડાઈને નરેન્દ્રને ચાલુ પાઠમાંથી પ્રશ્ન પૂછયો. બીજા બધા જ વિદ્યાર્થી મિત્રો તો ગભરાઈ જ ગયા. પરંતુ એ બધાના આશ્ચર્ય વચ્ચે નરેન્દ્રએ બધા જ સવાલોના સાચા જવાબો આપ્યા.
ચિડાયેલા શિક્ષકે પૂછયું : તો પછી વાતો કોણ કરતું હતું ? બધા જ વિદ્યાર્થીઓએ નરેન્દ્રનું નામ આપ્યું. બધા જ સવાલોના સાચા જવાબ આપનાર નરેન્દ્ર વાતો કરતો હતો તે વાત શિક્ષક કેવી રીતે માને ? તેમણે નરેન્દ્ર સિવાય સૌને ઊભા રહેવાની સજા કરી. નરેન્દ્ર પણ ઊભો થઈ ગયો. શિક્ષકે કહ્યું તારે ઊભા રહેવાની જરૂર નથી. નરેન્દ્રએ નમ્રતાપૂર્વક જવાબ આપ્યો. સાહેબ વાતો કરનાર તો હું જ હતો. મારે તો ઊભા થવું જોઈએ ને !
આમ, બધા જ વિદ્યાર્થીઓ સાથે નરેન્દ્ર પણ વર્ગમાં ઊભો રહ્યો.